दोस्तों! एक बार फिर आपका स्वागत है, मेरे इस ब्लॉग पर आज हम बात करेंगे कैसे इलेक्ट्रिक कार्स काम करती है और ये जानने कि कोशिश करेंगे कि इलेक्ट्रिक कार्स कैसे लाभकारी है हमारे लिए।
जैसा कि सभी को पता है सभी इलेक्ट्रिक कार्स को बैटरी इलेक्ट्रिक वहइक्लेस भी कहते हैं। ये एक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होती है, जबकि पेट्रोल कि गाड़ियों में एक Internal Combustion Engine लगा होता है। इलेक्ट्रिक वाहन एक बड़ी ट्रैक्शन बैटरी से जुड़ा हुआ होता है और इसको दीवार आउटलेट या चार्जिंग पॉइंट्स पर लगे इलेक्ट्रिक प्लग कि सहायता से चार्ज किया जाता है, इस उपकरण को “वाहन आपूर्ति उपकरण” (ईवीएसई) भी कहा जाता है। क्यूँ कि यह बिजली से चलता है, वहाँ एक tale पाइप से जुड़ा होता है और किसी प्रकार का तरल पथार्थ नहीं छोड़ता है। जैसे कि ईंधन लिक्विड।
एक इलेक्ट्रिक कार के प्रमुख घटक
बैटरी (ऑल-इलेक्ट्रिक ऑक्जिलरी): इलेक्ट्रिक ड्राइव वाहन में, सहायक बैटरी बिजली वाहन के सामान को बिजली प्रदान करती है। | इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन मोटर: ट्रैक्शन बैटरी पैक की शक्ति का उपयोग करते हुए, यह मोटर वाहन के पहियों को चलाती है। कुछ वाहन मोटर जनरेटर का उपयोग करते हैं जो ड्राइव और पुनर्जनन दोनों कार्य करते हैं। | थर्मल सिस्टम (कूलिंग): यह सिस्टम इंजन, इलेक्ट्रिक मोटर, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य घटकों के उचित ऑपरेटिंग तापमान रेंज को बनाए रखता है। |
चार्ज पोर्ट: चार्ज पोर्ट ट्रैक्शन बैटरी पैक को चार्ज करने के लिए वाहन को बाहरी बिजली की आपूर्ति से कनेक्ट करने की अनुमति देता है। | ऑनबोर्ड चार्जर: चार्ज पोर्ट के माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली आने वाली एसी बिजली लेता है और ट्रैक्शन बैटरी को चार्ज करने के लिए इसे डीसी पावर में परिवर्तित करता है। यह चार्जिंग उपकरण के साथ संचार भी करता है और पैक को चार्ज करते समय बैटरी की विशेषताओं जैसे वोल्टेज, करंट, तापमान और चार्ज की स्थिति की निगरानी करता है। | ट्रैक्शन बैटरी पैक: इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन मोटर द्वारा उपयोग के लिए बिजली स्टोर करता है। |
डीसी/डीसी कनवर्टर: यह डिवाइस उच्च-वोल्टेज डीसी पावर को ट्रैक्शन बैटरी पैक से वाहन के एक्सेसरीज को चलाने और सहायक बैटरी को रिचार्ज करने के लिए आवश्यक लो-वोल्टेज डीसी पावर में परिवर्तित करता है। | पावर इलेक्ट्रॉनिक्स कंट्रोलर: यह यूनिट ट्रैक्शन बैटरी द्वारा दी गई विद्युत ऊर्जा के प्रवाह का प्रबंधन करती है, इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन मोटर की गति को नियंत्रित करती है और इससे उत्पन्न होने वाले टॉर्क को नियंत्रित करती है। | ट्रांसमिशन (इलेक्ट्रिक): ट्रांसमिशन पहियों को चलाने के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन मोटर से यांत्रिक शक्ति को स्थानांतरित करता है। |
EV बैटरियों को वाहन के विद्धुत शक्ति श्रोत मे प्लग करके चार्ज किया जाता है। यद्यपि बिजली उत्पादन वायु प्रदूषण मे योगदान दे सकता है, अमरीकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को शून्य उत्सर्जन होता है जोकि कुछ दशकों तक इसका इस्टमाल किया जा सकता है आने वाले समय मे इनसे होने वाले वायु प्रदूषण को काम करने के लिए सोलर से चलने वाले वाहनों पर काम करेगी जो हमारे लिए एक अनुकूलित पर्यावरण का निर्माण कर सकती है।
रीड अबाउट फ्यूचर सोलर कार: इस इलेक्ट्रिक कार की बैटरी सन लाइट से चार्ज होती है। 1600 KM की माइलेज। विश्व की फर्स्ट सोलर कार।
FAQs
इलेक्ट्रिक कार की बैटरी कैसे काम करती है?
बैटरी अपने अंदर स्टोर हुई इलेक्ट्रिसिटी कि मदद से ऊर्जा लेती है और वाहन के मोटर को चलाती है। ये ऊर्जा ग्रिड बिजली, या तो एक दीवार सॉकेट या एक समर्पित चार्जिंग यूनिट से चार्ज किए जाने पर मिलती है।
इलेक्ट्रिक कार में एक पोटेंशियोमीटर क्या है?
मोटर जिसे चलाने के लिए नियंत्रक और बैटरी पैक की आवश्यकता होती है।नियंत्रक भारी केबल द्वारा बैटरी पैक और मोटर से जुड़ा होता है। गैस पेडल में एक केबल होती है जो पोटेंशियोमीटर की जोड़ी से जुड़ती है। इलेक्ट्रिक कारों में दो पोटेंशियोमीटर होते हैं जो कंट्रोलर को समान सिग्नल देते हैं।
क्या पोर्श 2020 के साथ इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ में शामिल हो गया?
जी हाँ दोस्तों , Porsche Taycan आखिरकार भारत पहुंच चुकी है जिसकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये से शुरू हो सकती है। इसके चारों मॉडल नीचे दिए गए हैं।
Taycan (Standard), Taycan 4S, Taycan Turbo, Taycan Turbo S
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल क्या है?
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल दोनों ही ऊर्जा श्रोत से चलती है, मतलब पेट्रोल और इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाली कार को हाइब्रिड कार कहते हैं। एक अनोखी बात बैटरी को चार्ज करने के लिए ब्रेकिंग सिस्टम से इलेक्ट्रिक पावर जेनरैट होती है। इसे ‘ रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ कहा जाता है। इस प्रोसेस मे इलेक्ट्रिक मोटर व्हीकल को स्लो करने मे मदद करता है, और गाड़ियों के जरिए हीट मे पर्वर्तित होनी वाली एनर्जी का कुछ इस्तेमाल किया जाता है। हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल मोटर का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। फिर पेट्रोल इंजन लोड या स्पीड मे बढ़ जाता है। एक इन्टर्नल कंप्युटर के जरिए 2 मोटर्स को कंट्रोल किया जाता है।